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पोशीदा फूल - मेईवानफान - अंग्रेजीसेहिंदीअनुवाद : नीतापोरवाल. The Veiled Flower II (poems). Translated from English into Hindi by Neetta Porwal. Thơ ba câu Mai Văn Phấn. Neetta Porwal dịch từ tiếng Anh sang tiếng Hin-đi

मेईवानफान - Mai Văn Phấn

अंग्रेजीसेहिंदीअनुवाद : नीतापोरवाल

Translated from English into Hindi by Neetta Porwal

Neetta Porwal dịch từ tiếng Anh sang tiếng Hin-đi

 

 

 

 


Neetta Porwal, poet & translator

 

 


 

पोशीदा फूल

The Veiled Flower

 

 

 

 

 

दरख्वास्ते बकरी

 

कलम निकालो

छोड़ दो चाकू और ये बोर्ड

वापस जाने दो मुझे पहाड़ों पर

 

 

 

 

कमल के पत्तों के बीच बैठा

 

एक मेढक

अपनी जीभ बाहर निकालता है

कि छू सकूँ चाँद को

 

 

 

 

एक युगल

 

कुएं से सटा

बगैर आवाज किये चूम रहा है एक दूजे को

अब तक काँप रही है हवा

 

 

 

 

कोहरा

 

इतनी देर तक छाया रहा

कि गली हुई लकड़ी में भी

फूल कुलबुला उठे

 

 

 

 

पटाखों की आवाज में

 

टूटकर

गिर भी सकते हैं

कुछ कच्चे फल

 

 

 

 

नया साल रहा है

 

और शुभचिंतक इकट्ठे होंगे

दूर वो समन्दर

इतनी सी बात अभी तक नही जानता

 

 

 

 

पूरक वसंत

 

एक चक्करदार पट्टी

पानी की चक्करदार पट्टी

भागती फिरती है खेतों में

 

 

 

 

मधुमास की मनमोहक बयार

 

पानी की बाल्टी भरने के बाद

यह जानते हुए भी कि इसका क्या करूं

सुकून में हूँ मैं

 

 

 

 

कच्ची कलियाँ

 

मधुमास तले लेटीं

भरपूर तनीं

अपनी ही साँसों से लदी-फदी

 

 

 

 

 

मधुमास की नई घास

 

एक भैंस का पड्डा

हरी-भरी नरम घास खाने में सुध-बुध खोया है

जबकि उसकी माँ निकल गयी है आगे बहुत आगे

 

 

 

 

नव वर्ष की पहली रात

 

लहरों की आवाज सुनकर

मैं मोमबत्ती जलाकर समन्दर के प्रति

अपना सम्मान प्रकट करता हूँ

 

 

 

 

पंजे से मिट्टी कुरेदते हुए

 

बिना ऊपर देखे

मुझे इतना तो मालूम है

कि ऊपर फूट रहीं हैं कमसिन कोंपलें

 

 

 

 

नववर्ष की पहली सुबह

 

मुझे मिला

एक बच्चे का जुराब

गुदगुदा जैसे कि पका हुआ फल

 

 

 

 

नये साल के दिन

 

रास्ते में

सूखी घास का तिनका उठाते हुए

मै बीते बरस के दामन का स्पर्श करता हूँ

 

 

 

 

सोफा चुनना

 

वसंत के दौरान

रोडोडेंड्रन* का फूलदान

रखने के लिए

 

*बड़े फूलों वाली एक सदाबहार झाड़ी

 

 

 

 

फुरसत

 

एक प्याला चाय

इसमें पर्याप्त मात्रा में घुली होती है

सुगंध नये बरस की

 

 

 

 

नये बरस की ख्वाइश

 

मैं आसमान से

किसी भी तरह के

पक्षी गीतों की याचना करता हूँ

 

 

 

 

वसंत के बीच

 

तेज हवायें

आड़ू के फूलों की पंखुड़ियों को

जमीन पर चिपकाती हैं

 

 

 

 

अभी भी नये बरस का जश्न मनाते हुए

 

सरंक्षित फल का आखिरी टुकड़ा खाने के बाद

मैं भरपूर खिले ग्लेडियोलस* के फूलों की तरह

घड़ी को चाबी देने के लिए उठ जाता हूँ

 

*आयरिस परिवार का एक पौधा, जिसमें तलवार के आकार के पत्ते और चमकीले रंग के फूलों के स्पाइक्स होते हैं जिसे स्वार्ड लिली के नाम से भी जाना जाता है.

 

 

 

 

वसंत में सूरज

 

नवोदित बीजों को

नीचे खिसकाते हुए

मानो उनके आंचल गिराता है

 

 

 

 

वसंत की एक झलक

 

मानो भैंस का पड्डा पास से गुजर गया हो

सूखी घास का निशान गायब हो गया हो

एक लड़के से मानो शहद छलक गया हो

 

 

 

 

जनवरी के आखिर में

 

वसंत की बारिश अभी आनी बाकी है

आड़ू के फूल एक समय में

एक ही पंखुड़ी गिराते हैं

 

 

 

 

वसंत में बारिश का आना

 

हवा नम है

और ठंडी भी

मैं भी भींगा-भींगा सा हूँ

 

 

 

 

बूंदा-बांदी में

 

सूखी लकडियाँ

तोड़ते हुए

गरम हो गये मेरे हाथ

 

 

 

 

शुद्धिकरण

 

इस मौसम की पहली बारिश

मैं जाता हूँ और बूंदों से

अपना चेहरा शुद्ध करता हूँ

 

 

 

 

फुहार देखकर सुध-बुध खोते हुए

 

जब मै नीचे देखता हूँ

तो एक घोंघा और खुद को

आरम्भ रेखा को स्पर्श करते पाता हूँ

 

 

 

 

फलियाँ बोना

 

हल से बनीं

खेत की सीधी क्यारियों में जब ये बो दी जाती हैं

आसमान सितारों से भर जाता है

 

 

 

 

बीज बुआई

 

मैं कीचड़ में

जब कुछ कदम चला

तो खेत कोहरे से भर गये

 

 

 

 

जागने पर

 

मैं रात में

जंगल में रहने का ख्वाब देखता हूँ

और सुबह एक बार फिर बीजों की छंटनी करने लगता हूँ

 

 

 

 

अहसान चुकाते हुए

 

एक पेड़ तले

मैं चेहरा नीचे किये लेट जाता हूँ

और पत्तियों को गिरने देता हूँ अपनी पीठ पर

 

 

 

 

आगे

 

आगे चलना ज्यादा सुंदर है

मैं प्रकाश की खाई में गोता लगाते

आगे चलता हूँ

 

 

 

 

फसल

 

जैसे ही मैं सेम की क्यारी में

बुआई का काम खत्म करता हूँ

एसेंटर* मुझे आसमान की याद दिलाती है

 

*काले-भूरे रंग के मुकुट वाली, शर्मीली, अलाप लेने वाली चिड़िया

 

 

 

 

कोहरा

 

इतने लम्बे वक़्त के लिए छाया रहा

कि गली हुई लकड़ी में भी

फूल कुलबुला उठे

 

 

 

 

अहसास

 

अहसासों के खेत जब विशाल होते हैं

तो ओस की बूँदें

ज्यादा पारदर्शी हो उठती हैं

 

 

 

 

वसंत की सुबह

 

फूलों की कलियाँ

बच्चों की आवाजें सुनकर

एक-दूसरे को कीट-पतंगे ढूँढ़ कर लाने के लिए पुकारतीं हैं

 

 

 

 

धनुष की प्रत्यंचा की तरह

 

 

समूचा वसंत

खींच लिया

पीछे की ओर

 

 

 

 

धरती पर अभी भी वसंत

 

आडू के फूल

गिरते हैं अखरोट और

खुबानी के फूलों पर

 

 

 

 

जंगली गुलाब

 

पहले खिलते हैं

जिससे आसपास के पेड़ों पर

बाद में बौर सके

 

 

 

 

सफेद आलूचे के फूल

 

ज्यों ज्यों सुर्ख होते जाते हैं

मैं उनके नजदीक झुकता जाता हूँ

जिससे पढ़ रहे पन्ने को खत्म कर सकूँ

 

 

 

 

बारिश में

 

बगीचे पानी से भर गये हैं

आडू के फूल झरते हैं

मानो दूर भागते हैं

 

 

 

 

फूल ही फूल

 

घने फूल देखकर

कोई बोल उठता है-

नकली खुबानी खिलीं हैं

 

 

 

 

अकेले चाय बनाते हुए

 

पानी उबलने का इन्तजार करता हुआ

मैं बैठकर चेरी और सेब के फूलों को

सिर्फ छः तक गिन पाता हूँ

 

 

 

 

आतीं हवाएं

 

घास-पात को

झुकाने के लिए

गुलदाउदी को धक्का देतीं हैं

 

 

 

 

बगीचे में

 

मैंने नौ फूल चुने

जो एक फूल कसकर पकड़े हूँ

उसे गिनना ही भूल गया

 

 

 

 

वानस्पतिक प्रेम

 

आड़ू के कुछ फूल

गिर रहे हैं

पास लगे पेड़ के पांवों में

 

 

 

 

जहां टूटकर गिरता है फूल

 

मैंने अपना चेहरा

जमीन से सटा दिया और फिर ऊपर देखा

जहां फूल रहा करता था

 

 

 

 

कुएं में गिरा एक फूल

 

फूल तक पहुंचने के लिए मुझे

बाल्टी डालकर

ज्यादा पानी खींचना होगा

 

 

 

 

बुजुर्ग आदमी

 

जिसके सारे दांत गिर गये हैं

बिरबे के पास छितरे हुए फूलों के संग

मुस्कुराता है

 

 

 

 

गन्तव्य

 

गर्मियों में

झरता है वसंत का एक पत्ता

कुछ जागा-जागा सा

 

 

 

 

वसंत का अंत

 

इतनी नमी है

कि जैसे ही मैं कुशन को झाड़ता हूँ

वसंत गुजर जाता है

 

 

 

 

जाता हुआ वसंत

 

मैं बची हुई

धुंध की बारीक लकीर भी

नही पकड़ पाता

 

 

 

 

मार्च के आखिर में

 

लाल कपास के फूल* खिल रहे हैं

मैं अंदाज भी नही लगा पाता

कि पेड़ तक पहुंचने के लिए मुझे कितने कदम और रखने होंगे

 

* पांच पंखुरी वाला लाल फूल जिसमें सफ़ेद रेशे होते हैं इसकी लकड़ी नरम होने के साथ उपयोगी भी होती है।

 

 

 

 

ऋतुओं के बीच रात

 

गहरी नींद में

लगभग सुबह के समय मुझे

नजदीक लेटी ग्रीष्म ऋतु की भी सुध नही रही

 

 

 

 

आज सुबह

 

मैं कैलेंडर का पन्ना पलटना भूल गया

पैन ने पानी उबालने में

कुछ ज्यादा वक़्त लिया

 

 

 

 

बहुत सवेरे

 

मैं गेट खोलने के लिए बाहर गया

और दो दुनियाओं के बीच

ठगा सा रह गया

 

 

 

 

बागीचे में जाकर

 

जैसे ही मैने

खरपतवार हटाई

कुछ पहले ही गया सवेरा

 

 

 

 

मेरे नहाने के बाद

 

आसमान का

मौसम बदल जाता है

मेगनोलिया* का पेड़ भी थोडा पुराना लग उठता है

 

*गुलाबी, मोमी फूलों वाला एक पेड़

 

 

 

 

संयोग

 

कॉफ़ी का घूँट भरते हुए

लोंगन* के पेड़ में मुझे एक चिड़िया का जोड़ा

प्रेम विहार करता नजर आता है

 

* लीची की तरह एक फल

 

 

 

 

एक कप सेब का जूस

 

लेने के बाद

मैने पहाड़ियों की ओर देखा

कि सेब का पेड़ खिलखिला उठा है

 

 

 

 

सेब खाते हुए

 

मैं पहले इसे ऊपर से खाता हूँ

फिर किनारे से

और अपने आप को युवा होते देखता हूँ

 

 

 

 

चाय का एक घूँट

 

अभी गले में उतारा भी नही

और मुझे अमरूद की शाख

फलों से भरी दिखाई देती है

 

 

 

 

कॉफ़ी का एक मग

 

मैने आधा ही पिया है

और मुझे हवा के चलने का इन्तजार है

जिससे डालियों में कुछ हलचल हो

 

 

 

 

दीवार के पीछे से ड्रिल मशीन की आवाज

 

शायद मेरा पडोसी एक तस्वीर टांग रहा है

ठीक उसी जगह

जहां मैं अपने घर में लैम्प टांगता हूँ

 

 

 

 

ख्वाब में

 

मैं कई दौर से गुजरा

फिर भी

कभी परेशान नही हुआ

 

 

 

 

रास्ता साफ़ करते हुए

 

बुहारने पर

जमीन साफ़ करते हुए

गिर भी सकते हैं और पत्ते

 

 

 

 

मंद-मंद डोलती धरती

 

और सामने की सड़क को

मैं फिर से बुहारता हूँ

क्योंकि इससे गुजरते हैं बच्चे

 

 

 

 

नाई की दुकान में

 

मुझे हवा की आवाज सुनाई देती है

फुनगी से जड़ तक

पेड़ को अपने हाथों से सहलाते हुए

 

 

 

 

गुजरतीं हुईं कारें

 

धूल से ढका

सडक किनारे गार्डेनिया*

मिट्टी की मूरत में तब्दील हो जाता है

 

*एक पेड़, जिसमें खूब सुगंधित सफेद या पीले फूल होते हैं

 

 

 

 

जागना और देखना माली को

 

उसने खूब पेड़ उगाये हैं

स्वयंसेवी मैं

उन्हें सींचने के लिए पानी इकट्ठा करता हूँ

 

 

 

 

आराम के पल

 

कबूतर

छत पर उतरे हैं

अपने खेल खेलने के लिए

 

 

 

 

एक हेयर स्टाइलिंग शॉप के सामने

 

मानो अंजीर की जड़ें

खोल दी गयीं हों और जो

निहायत खूबसूरती से पींगे लेतीं हों

 

 

 

 

एक झबरा बादल

 

ठहर जाता है

जमीन पर जहां एक मां

दूध पिला रही है अपने शिशु को

 

 

 

 

अनोखा अहसास

 

बागीचे में हर तरफ

सूरज की नई-नई सी रोशनी

मैं तंग दरवाजे के खुलने के इन्तजार में खड़ा हूँ

 

 

 

 

क्या इसका महत्त्व नहीं है

 

बहुत सारे लोग

रात आने का इंतजार करते हैं

पर मैं इतना बेपरवाह क्यों हूँ

 

 

 

 

मार्शल आर्ट का एक विजेता

 

बैठा है अकेला

और मद्धम- मद्धम गाता है

एक अस्पष्ट उदास राग

 

 

 

 

नया दिन

 

मैं कैलेंडर का पन्ना पलटता हूँ

और दूसरी तरफ

पूरे में लिख डालता हूँ

 

 

 

 

मछलियाँ

 

फिर से संगठित हो गयीं हैं

यह जानकर

कि मौसमी बयार पहुंची है पिछली शाम

 

 

 

 

रात की बारिश

 

मानो पेड़ सूखना ही नही चाहते

इस सुबह की

सूरज की रोशनी भी गीली-गीली सी है

 

 

 

 

हड़बड़ी में जागकर

 

पेड़ पर चिड़िया

और मैं

अभी नींद में ही हैं

 

 

 

 

एपार्टमेंट

 

एक चिड़िया अपने परों को फडफडाती है

चार-पांच पड़ोसी

उन्हें देखने के लिए खोलते हैं अपना दरवाजा

 

 

 

 

लीची का मौसम

 

फल से लदे पेड़ देखकर

चलते हुए

मैं अपने कदम गिनता हूँ

 

 

 

 

 

शांति से कदम रखते हुए

 

बारिश में

सड़क

मानो गोधूलि बेला में है

 

 

 

 

बारिश ने रोक दिया है

 

पो नगर मंदिर टॉवर* के आसपास

बारहमासी मूंगफली के फूलों को

अपनी आँखें खोलने से

 

* पो नगर वियतनाम का एक चाम मंदिर टॉवर है जो 781 C.E. में स्थापित किया गया था|

 

 

 

 

एक फूल विक्रेता का ध्रुपद राग

 

एक फूल बेचने वाली

अपना पसीना पोंछती है और

पेओनीज* और ट्यूलिप को इकट्ठा बाँध देती है

 

*लाल बड़े फूलों वाला उत्तरी समशीतोष्ण क्षेत्रों का शाक या झाड़ीदार पौधा

 

 

 

 

सर्दियों की चित्रकारी करते हुए

 

बारिश का पानी

मधुमक्खियों से होता

ईंट की दीवार पर बह रहा है।

 

 

 

 

औद्योगिक युग

 

क्रेन के ऊपर बैठी एक ड्रेगनफ्लाई

दस मिनट में

उत्पाद के तीन तरह के भार उठा लेती है

 

 

 

 

रेत के एक कण से मुझे भ्रमित करते हुए

 

हवा

कई बार

स्पर्श करती है मुझे

 

 

 

 

नन्ही चिड़िया

 

अपनी मां से यह उम्मीद रखती है

कि घोंसला छोडकर जाने से पहले

वो उसे पुकारें

 

 

 

 

पास से चिड़िया के बच्चों की आवाज सुनते हुए

 

मैं हाल में पैदा हुए

चिड़िया के बच्चे देखता हूँ

तो बहुत दयनीय पाता हूँ

 

 

 

 

एक किताब पढ़ते हुए

 

यकबयक

उलझा-उलझा सा मैं

रात में सड़क ताकने लगता हूँ

 

 

 

 

रोज़नामचा लेखन

 

हर कोई निराश है

मैं भी

मैं फिर कहता हूँ

 

 

 

 

पानी के फब्बारे के पास

 

कबूतर का एक जोड़ा

एक दूसरे को निहारता है

बहुत देर तलक

 

 

 

 

पत्थर की बेंच

 

गहरे विमर्श में डूबे बुजुर्ग

एक महिला सफाईकर्मी उन्हें

सम्मान से दूसरी बेंच पर जाने का अनुरोध करती है

 

 

 

 

पुराने दोस्त से मिलना

 

गुफ्तगू

फिर खामोशी

हमारे बीच एक छोटी नदी अभी भी तेजी से बह रही थी

 

 

 

 

अभी भी एक बच्चे की तरह

 

चाँद का इन्तजार करते हुए

मैं अपने बरामदे में खड़ा हूँ

जो सबसे बड़ी फांक देगा मुझे

 

 

 

 

पिंजरों में मछलियाँ

 

फिसलकर मानो निकल ही जाने वाली हैं

गुजर रहे लोगों को देखने की

उनकी हिम्मत तक नही

 

 

 

 

संकरी गली

 

प्रचंड हवा

कभी इधर से

तो कभी उधर से टहोका देती है

 

 

 

 

एक पेड़ और उसकी परछाईं

 

एक दूसरे को

दफनाते रहते हैं

जमीन में

 

 

 

 

फ्यूशिया* के फूल

 

नीचे झूलते हुए

अपना तेजोवलय

मुझ पर डालते हैं

 

* एक झाड़ीदार पौधा जिसके फूल नीचे की ओर लटकते रहते हैं

 

 

 

 

कच्चे हीरे के टूटने की आवाज की तरह

 

तेजी से गिरे

चाभी के गुच्छे ने

कितने ही इरादे बदल डाले

 

 

 

 

एक खुशहाल लम्हा

 

तब है

जब कैलेंडर का पन्ना पलटना

आसान हो जाये

 

 

 

 

नया सूरज

 

एक बड़े बादल के लिए

दल की अगुआई करता

उड़ान भरता है कबूतर

 

 

 

 

धूप की चिकती पर कदम रखते हुए

 

मै उसे कसकर पकड़े रहा

जब तक पीतवर्णी

चलने नही लगी

 

 

 

 

प्रखर सूरज

 

एक ड्रैगन फ्लाई रवाना होती है

बल्लरी के साथ एक फूल

उसे विदा देने के लिए हाथ हिलाता रहता है

 

 

 

 

लोंगेन* फूल

 

मधुमक्खी के पैरों तले दबा है

जमीन पर झरता है

जिसका पराग

 

* लीची की तरह एक रसदार फल, जिसकी खेती दक्षिण पूर्व एशिया में की जाती है।

 

 

 

 

उन्नत आसमान

 

देखकर एक मछली

पानी पर

डुलाती है अपनी पूंछ

 

 

 

 

खूबसूरत दिन

 

मेरा पड़ोसी बाहर है

जो ऊंची एक खिड़की को

खुला छोड़ गया है

 

 

 

 

सीला-सीला सा दिन

 

एक तस्वीर नमी से धुंधली हो गयी है

मैं अपने रिश्तेदारों को

मानो दूसरी दुनिया में देखता हूँ

 

 

 

 

पीली चांदनी

 

हर ओर बिखरी है

मेरे लिए यही समय है

घर जाने का

 

 

 

 

पंख फड़फड़ाने की आवाज

 

मैं पानी गटकता हूँ

क्योंकि उस चिड़िया का नाम नही जानता

जो अभी-अभी उड़कर गयी है

 

 

 

 

व्हाईट आई*

 

धूप से भरी जमीन पर गिरती है

और काँटों से भरा है

बागीचा

 

* सफेद आँखों, सफ़ेद पेट वाली अतिसक्रिय हल्की पीली, छोटी गौरैया

 

 

 

 

एक सरफिरी तितली

 

रास्ता भूल जाती है और मेरे कमरे में उड़ आती है

मैं बत्ती जला देता हूँ

जबकि बाहर अभी उजाला है

 

 

 

 

गौरैयाँ

 

वसंत में

बिना पानी वाली जगहों पर भी

नहातीं फिरतीं हैं गौरैयाँ

 

 

 

 

पक्षी

 

ऊंचे तारों पर बैठे

दूर से गांठ की तरह

नजर आते हैं

 

 

 

 

निरकुंश

 

मधुमक्खी फुर्ती से अपना जुराब बदलकर

मेरे दरवाजे से होकर तिरछी उड़ती

सड़क पर दोबारा आघात करने निकल पड़ी है

 

 

 

 

फूल पर चोंच मारने वाला पक्षी

 

अपनी छोटी पुकार से

टहनियों को लगातार हिलाता है

शायद उसका घोंसला नजदीक ही है

 

 

 

 

एक अनोखी चिड़िया

 

मेरी ओर देखते हुए

अहाते में उतरती है

जरूर हम पिछले जन्म के परिचित रहे होंगे

 

 

 

 

चिड़िया का जोड़ा

 

एक ही शाख पर बैठा

एक दूसरे को तब तक पुकारता है

जब तक उनकी आवाज कर्कश नही हो जाती

 

 

 

 

सिर्फ पंछियों की कुहुक ही

 

पत्थरों में

पात

उगा सकती है

 

 

 

 

मछली छटपटाने की आवाज

 

मुझे आज सुबह ही सुनाई दी थी

पर अफ़सोस

मैं उसे बिलकुल समझ नही सका

 

 

 

 

घोड़े की तस्वीर

 

जैसे ही मैं इसमें रंग भरता हूँ

यह और अधिक सुंदर हो उठता है

अचानक मैं डर जाता हूँ मानो यह असली घोड़े में बदल रहा है

 

 

 

 

कागज का पंखा

 

इसकी क्रेन* चित्रकारी

जब तह की हुई रखी होती है

तो कीमा की ढेरी सी दिखती है

 

* सारस चीनी चित्रकला में आम विषय है| ऊंची और लंबी दूरी पर उड़ान भरने की अपनी क्षमता और दृढ़ संकल्प शक्ति के कारण फीनिक्स के बाद सारस दूसरा सबसे पसंदीदा पक्षी प्रतीक माना जाता है|

 

 

 

 

बागीचे में पके हुए फल

 

उठाकर मैं उस सुर्ख लाल

गलगोंछा बुलबुल को देखता हूँ

जो गीत गाते हुए उनमें चोंच मारती जाती है

 

 

 

 

बागीचे से बाहर जाने से पहले

 

एक आर्किड फूल

अपनी गंध छोड़ता है

ऑक्सालिस* की एक झाड़ी के लिए

 

* एक पौधा जिसमें तीन नोक वाले पत्ते और सफेद, पीले या गुलाबी फूल होते हैं।

 

 

 

 

स्नान के बाद

 

मेरा सिर अभी गीला है

अप्रैल के राग सुनने के लिए

मैं कैला लिली* पर झुक जाता हूँ

 

* खूबसूरत रंगों वाला एक असाधारण फूल जो गर्म जलवायु में बिना ज्यादा सम्हाल के कंद से उगता है.

 

 

 

 

अमरूद खाते हुए

 

मैं सूरज के करीब

एक इंद्रधनुष को बनते

फिर गायब होते देखता हूँ

 

 

 

 

शहद की बूंद

 

जब पानी से साफ़ की जाती है

तो पानी बड़ी बूंद का

आकार ले लेती है

 

 

 

 

तरबूज का एक टुकड़ा

 

रसीला और चमकदार लाल

मैं फैसला नहीं कर पाता

कि इसे अंदर से खाऊं या बाहर से

 

 

 

 

आडू खाते हुए

 

जैसे ही सूरज की रोशनी छत पर

चमकीली लाल प्रतिबिम्बित होती है

मैं पहले ही कौर पर अटक जाता हूँ

 

 

 

 

आलू छीलते हुए

 

उसके बाद

आलू और चाक़ू

दोनों ही खूबसूरत हो गये

 

 

 

 

डूबने वाला है सूरज

 

जहां मैं बैठा हूँ

वहीं पास ही

तैरती है एक मछली

 

 

 

 

चमगादडों की बस्ती

 

सूर्यास्त में

जोड़े बनाकर वे मेरे ख़्वाबों में

इकट्ठे उड़ते-डोलते हैं

 

 

 

 

कीट-पतंगों

 

मेहरबानी करके

खुद को तेजस्वी मत समझो

देखो आसमान में कैसे चमकीले सितारे उगे हैं

 

 

 

 

मच्छरों के खामोश होने का इन्तजार करते हुए

 

बहुत सारे मच्छर

शोर करते घूम रहे हैं

आखिरी बार

 

 

 

 

झपकी लेते हुए

 

सूरज की रोशनी

सीधी मुझ पर पड़ती है और मुझे

कहीं और जाकर सोने के लिए कहती है

 

 

 

 

तुम्हें याद करते हुए

 

मेरे शरीर पर

छिटकी चांदनी

वजनी लगती है मुझे

 

 

 

 

पत्तों के बीच गिलहरी

 

नारंगी खाती

और अपनी लिपस्टिक फिर से लगाती

एक महिला को देखती है

 

 

 

 

मदिरा का सपना

 

मैं पीठ के बल लेट गया हूँ

एक बड़े से जार का मुँह

मेरे चेहरे को ढके हुए है

 

 

 

 

पिछली रात का स्वप्न

 

मीठे फलों वाले पेड़

हमेशा मेरे पास ही होते हैं

मुझे सिर्फ उन तक पहुंचना होता है

 

 

 

 

बच्चे को संतरा खाना सिखाती मां

 

हर फांक को चूसो

उसे कुछ देर मुंह में रखे रहो

फिर गटक जाओ

 

 

 

 

देखकर

 

बड़े अहाते में

एक लंगडाते हुए कॉकरोच को देखकर

मेरा उसे मारने का मन नही होता

 

 

 

 

एक घोंघा

 

समूची धरती को शीतल करने के लिए

अपनी जीभ निकालकर

यहाँ-वहाँ लगाने की कोशिश करता है

 

 

 

 

झींगुर की देह पकड़े हुए

 

वो इतनी हल्की थी

मानो कभी

जीवित ही रही हो

 

 

 

 

मक्खियों को उड़ते देखना

 

वे अराजक हैं

पर आपस में भिड़ती नही हैं

उनका सेनाध्यक्ष वहीं पास ही होना चाहिए

 

 

 

 

कुर्सी पर अपनी पीठ टिकाते हुए

 

अखबार खोलते ही

मुझे खबर मिली

कि उन्होंने बाढ़ पर काबू पा लिया

 

 

 

 

पेड़ की परछाईं पर

 

पके फल

गिरते हैं

और धरती में मिल जाते हैं

 

 

 

 

ठंड के मौसम में

 

पेड़ सिकुड़ जाते हैं

युवा महिलायें हड़बड़ी में

खुद को लपेट लेतीं हैं कपड़ों में

 

 

 

 

आलिंगनबद्ध पेड़ों का तोरण पथ

 

एक गिरजाघर का निर्माण करता है

और उनकी पत्तियाँ

नरक में गिरतीं मालूम होतीं हैं

 

 

 

 

एक मकड़ी

 

हरे रंग के खुरमे* के

पक जाने तक

अपना जाला बुनती है

 

* अमरीकी खजूर

 

 

 

 

एक डैम्सफ्लाई*

 

डकवीड* के पत्तों पर बैठता है

यह समन्दर में तैरता है

फिर भी दूर नही उड़ता

 

* ड्रैगनफ्लाई जैसे छोटे कीड़े

* एक छोटा जलीय फूल वाला पौधा, जो उथले तालाबों के पानी पर तैरता है, अक्सर सतह पर निरंतर हरी परत बनाता है।

 

 

 

 

एक मच्छर

 

पूरी रात एक भिखारी का पीछा करता है

क्या यह वही है

या वो कोई और मच्छर रहा होगा

 

 

 

 

किताब पढ़ते हुए

 

मैं इसे दोनों हाथों से

पूरी सत्यनिष्ठा से पकड़ता हूँ

और चीजों की तरह ये साधारण नही

 

 

 

 

फैली हुई फोन केबल

 

मेरा रास्ता रोक रही है

मैं गाँव के प्रवेश द्वार के पास एक झुरमुट में

चला जाता हूँ

 

 

 

 

शाम को मूंगफली भूनते हुए

 

जैसे मूंगफली कड़ाही में आलोड़न करतीं है

और चटखती है

आसमान में तारे उतने ही धीरे निकलते मालूम होते हैं

 

 

 

 

चाँद का इन्तजार करते हुए

 

जैसे ही चाँद पानी की सतह पर दिखाई दिया

मैं निश्चिंत महसूस करता हूँ

कि सोया जा सकता है थोड़ी देर

 

 

 

 

पक्षियों को दूर भगाने के लिए

 

कुछ लोग बनाते हैं

फिर लगाते हैं

बिजूका*

 

* पक्षियों को डराने का एक पुतला

 

 

 

 

चाँद

 

चमकता है

दरख्तों के लिए

और यहाँ तक कि कीड़ों के लिए भी

 

 

 

 

जागना आधी रात को

 

मुझे मोमबत्ती पकड़े-पकड़े

चाक़ू का भरम होता है

कितनी तेज है इसकी लौ

 

 

 

 

रात में कुछ गिरने की आवाज सुनकर

 

मेरी नींद खुलती है

पहाड़ की परछाईं

मेरे दरवाजे के नजदीक पड़ रही थी

 

 

 

 

रात में सुनना

 

बांस का झुरमुट कसमसाता है और मुड़ता है

जलते तारकोल की तरह

चटाके की आवाज करता हुआ

 

 

 

 

सेम

 

पल्लवित हो रही है

इसके पास

कोई कीड़ा नजर नही आता

 

 

 

 

सम्मेलन कक्ष के फूल

 

अभी तक ताज़ा हैं

पर एक और मीटिंग की वजह से

उन्हें बदला जाना चाहिए

 

 

 

 

 

एक अच्छी किताब पढ़ते हुए

 

बंद दरवाजे पर

जब कोई खटखटाते हुए आता है और फिर चला जाता है

मैं भौचक्का बैठा रह जाता हूँ

 

 

 

 

सूजे हुए घुटनों के साथ

 

खिड़की तक लंगड़ाकर चलते हुए

मैं एक तितली के द्वारा

चेतनाशून्य कर दिया गया हूँ

 

 

 

 

चाँद को उगते हुए देखना

 

पेड़ चमकीले हो जाते हैं

मैं एक गिलास गर्म पानी की तलाश में हूँ

और उसे पूरा पी जाना चाहता हूँ

 

 

 

 

कटाई का दिन

 

अनाज के साथ धान के गट्ठर ले जाते हुए

इस डर से कि वे गिर जायेंगे

मैं तेज चलने की हिम्मत नही जुटा पाता

 

 

 

 

देखिये!

 

मीनार की चोटी पर बैठी

चिड़िया और मैं

दोनों एक दूसरे को दो बिंदु की तरह नजर आते हैं

 

 

 

 

मेरे घर के सामने एरेका पाम

 

बागीचे में

चांदनी को नाच नचाते हुए

खुद ही गिर पड़ा है नीचे

 

 

 

 

पानी फिर भी बहता है

 

पुल के नीचे

नदी

दो टुकड़ों में काट दी गयी

 

 

 

 

एक भैंस

 

बांस के तने से बाँध दी गयी

जो सारी दुपहरी

मक्खियों से लड़ती रही

 

 

 

 

गाँव का ब्याह

 

तेज संगीत के साथ

हर कोई

कानफोडू आवाज में बात करता है

 

 

 

 

भीड़-भाड वाले बाजार

 

मुखौटे

लाइन में टंगे हैं

एक बांस पर

 

 

 

 

टोपी पर धूल का एक धब्बा

 

नही जानता

कि उसे भी शानदार स्वागत के लिए

लाया गया है

 

 

 

 

एक लेखक की प्रतिमा के बगल में

 

मोमबत्ती की

तश्तरी

टूटी हुई है

 

 

 

 

ऊंचाई पर एक घोंसला

 

कुछ चिरौटे अभी-अभी अंडे से निकले हैं

मैने अपनी कैप उतार दी है

नही जानता इसे कहाँ रखा जाए

 

 

 

 

लीची का मौसम

 

फल का पहला गुच्छा पक गया है

एक महिला

अपने हाथ का इस्तेमाल केश लपेटने के लिए करती है

 

 

 

 

बारिश में अपने पिता की कब्र पर जाना

 

बारिश ने

मेरे हाथों को

कितना साफ़ कर दिया है

 

 

 

 

 

अपने चेहरे पर पानी की छींटे मारते हुए

 

यहाँ

मेरे पिता की कब्र के पास

नदी पूरे बरस भर बहती है

 

 

 

 

कब्र पर जाकर

 

मैं अगरबत्ती जलाता हूँ

कब्र के ऊपर से खींची गयी मुट्ठी भर घास को

मैं अभी तक पकड़े हुए हूँ

 

 

 

 

पास से गुजरतीं मृतकों की आत्माएं

 

मैं घास का एक गुच्छा

फुर्ती से खींचता हूँ

जिससे कब्र को बुहार सकूँ

 

 

 

 

मेरे पिता की बरसी का दिन

 

मेरे घर के सामने

कितनी खामोशी से बहती है

नदी

 

 

 

 

नदी को श्रद्धांजलि

 

शीतल और ताजे पानी में

उपतट पर खुद को रगड़कर चमकाने लगी है

एक मछली

 

 

 

 

अपने पिता के लिए धूप जलाना

 

चाय के पांच प्याले

चार तश्तरी

पिता ने गुम हुई तश्तरी याद करते हुए प्याले का इस्तेमाल किया होगा

 

 

 

 

गार्डेनिया*

 

मेरे पिता की कब्र के पास गिर गया

शायद आज भोर ही

उन्होंने उसे उठा लिया होगा

 

* गर्म जलवायु का एक पेड़ जिसमें बहुत सुगन्धित सफ़ेद या पीले फूल होते हैं

 

 

 

 

अपने दादा-दादी की कब्रों पर जाना

 

उनके लिए धूप जलाने के बाद

मैं पीछे

नजदीक बनी एक कब्र पर झुक जाता हूँ

 

 

 

 

एक गिलास वाइन

 

मैं अपने पिता के लिए धूप जलाता हूँ

फिर बुदबुदाते हुए

उसे जमीन पर छिडकता हूँ

 

 

 

 

कब्रिस्तान के दरख्त

 

अपनी नवीन

और जीर्ण-शीर्ण पत्तियों के साथ

हर दिशा में अकुलाहट पैदा करते हैं

 

 

 

 

हवादार जगह पर

 

घोस्ट मनी* ने जैसे ही आग पकड़ी

हवा ने उसे फुर्ती से छीन लिया

और उसे दूर ले गयी

 

* वियतनाम में घोस्ट मनी का उपयोग पूर्वजों, भूतों और देवताओं को श्रद्धांजलि के रूप में और प्रतीकात्मक प्रसाद के रूप में किया जाता है। इसके लिए दो तिथियाँ पहली और पंद्रहवी तारीख तय है ऐसा विश्वास है कि घोस्ट मनी जलाने से सभी आत्मायें भोजन, वस्त्र आदि का उपयोग करतीं हैं यह परम्परा दोनों के बीच एक सेतु का काम करती है| इस परंपरा के अपवाद रोमन कैथोलिक और अन्य धर्मों के अनुयायी हैं, जिनकी आबादी 10% से कम है।

 

 

 

 

कब्र साफ़ करते हुए

 

घास चुनने के बाद

हाथ धोने की कोई जगह थी

घर आने तक मैं पूरे रास्ते मुट्ठियां बांधे रहा

 

 

 

 

गुमनाम कब्रें

 

फुर्ती से गुजरते हुए बादल

ऐसा लगता है

वे चले गये हैं

 

 

 

 

एक गर्म दिन कब्र पर जाना

 

जब तक अगरबत्ती सुलगेगी

मैं नदी के जल से भींगा तौलिया उठाता हूँ

और हर कब्र पर लपेट देता हूँ

 

 

 

 

घर की याद करते हुए

 

बारिश का पानी

रसोई से निकलते धुएं पर गिर रहा होगा

फल बिना पके ही गिर रहे होंगे

 

 

 

 

तूफानी हवाएं

 

घोस्ट मनी* तेजी से जल रहा है

इसकी राख

खेतों में हर तरफ बिखरी हुई है

 

* वियतनाम में घोस्ट मनी का उपयोग पूर्वजों, भूतों और देवताओं को श्रद्धांजलि के रूप में या प्रतीकात्मक प्रसाद के रूप में किया जाता है। इसके लिए दो तिथियाँ पहली और पंद्रहवी तारीख तय है ऐसा विश्वास है कि घोस्ट मनी जलाने से सभी आत्मायें भोजन, वस्त्र आदि का उपयोग करतीं हैं यह परम्परा दोनों के बीच एक सेतु का काम करती है| इस परंपरा के अपवाद रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और अन्य धर्मों के अनुयायी हैं, जिनकी आबादी 10% से कम है।

 

 

 

 

 

कब्र पर जाना

 

एक पिल्ले के पीछे

कभी-कभी

वो मुझसे पीछे भी रह जाता है

 

 

 

 

एक कब्र के आसपास घूमना

 

यह उसी तरह है

जैसे छोटे जीवन चक्र वाले के साथ फिर से खेलना

उसके साथ जो नीचे लेटा हुआ है

 

 

 

 

गाँव जाना

 

शहर की तरफ मुड़कर देखना

मानो

ओझल होते जहाज को देखना है

 

 

 

 

जंगल की यात्रा

 

रपटीला रास्ता

मानव प्रेम करने वाली मिट्टी

मानो मेरे पैरों की हर उँगली को चूसती है

 

 

 

 

पानी

 

पुल के पैरों के पास जमा होता है

फिर बह निकलता है

दूसरी दिशा में

 

 

 

 

पैदावार

 

हवा मेरे पांवों तक आती है

हर जगह जहां मैने धान के पूले काटकर रखे थे

वहाँ भी

 

 

 

 

बीच पुल पर

 

मैं मेघों का

एक बार फिर इन्तजार कर रहा हूँ

नदी है कि अभी तक वेग से बह रही है

 

 

 

 

अंगूर का दाना उठाने पर

 

पेड़ की पत्तियाँ

मुड़ती हैं

और मुझे घूरतीं हैं

 

 

 

 

जलाऊ लकड़ी की खेप लाते हुए

 

एक युवा पत्ती

घर तक

मेरा पीछा करती है

 

 

 

 

चुप खड़ी माँ गाय

 

एक बछड़ा अपना चेहरा ऊपर करता है

दूध की एक बूंद भी

अब तक नही गिरी

 

 

 

 

उष्णदेशीय बादाम उठाते हुए

 

बैजनी रंग की ये पत्तियाँ

कभी-कभी इन्हें देखने की

मेरी हिम्मत नही होती

 

 

 

 

वजह

 

ओस की बूंद और मैं

भाई बहन से

एक दूसरे को निहारते हैं

 

 

 

 

ओस की बूंद

 

अँधेरी रात में बच गयी है

और मुझे देखने के लिए

पत्तियों पर लटक गयी है

 

 

 

 

गली लकड़ी का ठूँठ

 

ओस की कुछ बूंदों का

मुकुट

पहने है

 

 

 

 

दो बादल

 

बहुत ऊंचाई पर

एक दूसरे में घुलमिल जाते हैं

और बरस जाते हैं

 

 

 

 

एक सुर में

 

एक धुन पुकारती है

ओस की बूंदों को झकझोरती हुई

और गर्जन कर उठे हैं मेघ

 

 

 

 

भोर

 

देखो! ओस की बूंद

रात के आंचल से होती

दिन की हथेली पर झरती है

 

 

 

 

ख़ामोशी से

 

आप एक किताब पढ़ते हैं

एक राजहंस अपने शिकार की तलाश करता है

मुझे डर है कि वह उड़ गया होगा

 

 

 

 

तालाब की सतह और एक किंगफिशर

 

बहुत देर तक एक दूसरे को देखते हैं

धूप बड़ी तेजी से

उनके बीच की जगह में भागती है

 

 

 

 

बारिश के मौसम में

 

मैं छज्जे के नीचे खड़े

नमक विक्रेता को

एक प्याला बढ़िया चाय परोसता हूँ

 

 

 

 

झील की तली

जानती है

कि बादल उसे

ऊपर से ढक लेते हैं

 

 

 

 

देश

 

पंछी अब

बिजूका से नही डरते

मैं सफेद झंडा फहरा देता हूँ

 

 

 

 

नदी के शब्द

 

अपना अस्तित्व बनाये रखते हुए

सदियों तक खामोशी से बहती रही

गर सुनेंगे तो बेहतर सुन सकेंगे आप

 

 

 

 

एक नजर

 

एक बेरंग तख्ती

जिसे कोई रुखसत नही करता

बारिश है कि होती ही रहती है

 

 

 

 

शरद ऋतु बीत चुकी है

 

एक केंचुआ

अभी-अभी

जमीन से ऊपर आया है

 

 

 

 

सड़क किनारे फूल देखने में मगन

 

दुकान में घुसते ही

किसी ने पूछा

कहाँ से हैं आप

 

 

 

 

अँधेरे में अपना चेहरा धोते हुए

 

तिमालीड*का गीत सुनकर

मुझे महसूस होता है

कि मेरा चेहरा कुछ ज्यादा चमक उठा है

 

* गीत गाने वाली, भूरे रंग की, कीट भक्षी, नन्ही सी चिड़िया

 

 

 

 

दूसरे दिन

 

ऊषाकाल में

सपना

धुंधला हो उठता है

 

 

 

 

आभारी होना

 

एक बिजूका अपनी बांहे फैलाता है

जिससे उससे होकर गुजर सके

शीतल हवा

 

 

 

 

उत्तरी हवा

 

मैं खेत में सीधे लेट जाता हूँ

और मक्के के पूलों को

खुद पर गिरने देता हूँ

 

 

 

 

एक नन्हा बछड़ा

 

मां का थन चूस रहा है

और माँ गाय

हरी घास को टकटकी लगाये ताक रही है

 

 

 

 

रोशनी

 

हमें कसकर पकड़ रही है

पेड़

और मैं दोनों खिलखिला उठे हैं

 

 

 

 

कोयल कुहुकती है

 

दूर से

मुझे लगता है

मैं पानी के एक बड़े मर्तबान में हूँ

 

 

 

 

हवाएं

 

जोरों से चलतीं हैं

एक तितली

तब भी नही उडती

 

 

 

 

मानसून

 

पंखों से जमीन पर हवा करते

एक विशालकाय पंछी की तरह गया है

मैं इसके पंख छूता हूँ

 

 

 

 

चांदनी में कविता लिखना

 

जब मैं शब्द गढ़ने में

नाकाम हो जाता हूँ

तब नई शुरुआत करता हूँ

 

 

 

 

पेड़ की परछाईं का आना-जाना

 

और लैम्प लाईट की तरह

खिड़की पर

चमकना सूरज का

 

 

 

 

दोपहर का सूरज

 

खिड़की की रेलिंग से आकर

फर्श को

बिषम चौरस टुकड़ों में बांट देता है

 

 

 

 

पुल पार करते हुए

 

मैं रेलिंग पर

पकड़ बनाने की कोशिश करता हूँ

वहाँ नीचे नदी में एक बतख तैर रही है

 

 

 

 

पहाड़ के बाशिंदे

फुरसत के पलों में

पहाड़ की चोटी पर

साथ-साथ जाते हैं

 

 

 

 

मदिरा पीते हुए

 

खामोश हो

मैं एक श्वान देखता हूँ

जो तो उदास ही खुश मालूम होता है

 

 

 

 

मांस कुचलने की आवाजें

 

खोह से

एक बड़ा सा मेढक कूदता है

जो खूब तंदरुस्त है और सख्त भी है

 

 

 

 

तितलियों का एक जोड़ा

 

केले के पत्ते पर है

नीचे ओस

बूंदों में संघनित होती है

 

 

 

 

दलदल का पानी

 

कम होता है

कछारी मिट्टी ने खेतों को शीशे की तरह

चमका दिया है

 

 

 

 

शरद ऋतु की फसल का पहले आना

 

खेतों के किनारे लगे झंडे

ग्रीष्मकालीन फसल कटाई की

हमारी प्रतिबद्धता के बारे में चीख-चीखकर बताते हैं

 

 

 

 

खेतों में केकड़े पकड़ने वाले

 

मछली और केकड़ों को

उथले क्षेत्र में अलग-अलग फेंकते हुए

एक कहता है कि हमें अपना काम अच्छे ढंग से करना चाहिए

 

 

 

 

एक घास काटने वाला

 

मूसलाधार बारिश में

घर में

गीली घास ले जाता है

 

 

 

 

घास की एक खेप काटकर

 

मैं बारिश से बचने के लिए

एक कम्युनल हाउस* में घुस जाता हूँ

और देखता हूँ कि सभी गतिविधियाँ आधी सम्पन्न हो चुकी हैं

 

* एक पवित्र स्थान जहां संस्थापकों या नायकों को जिन्होंने स्थानीय या राष्ट्र के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, सम्मानित किया जाता है|

 

 

 

 

झील के पास एक छोटा बच्चा

 

जैसे ही उसने अपनी बांसुरी उठायी

पानी

तरंगित हो उठा

 

 

 

 

धुंध से अटी पोखर से

 

एक सारस

बेदाग़ सफ़ेद बादल की

धारियाँ छोड़ उड़ जाता है

 

 

 

 

पडोस के घर से गुजरना

 

इस दरिद्र गाँव में

कितना हृष्ट पुष्ट कुत्ता

ये जरूर कहीं और से आया होगा

 

 

 

 

दो महिलाएं

 

शादी के लिए बीड़ा तैयार करते हुए

वे उन दिनों की याद करतीं हैं

जब वे विवाह बंधन में बंधी थीं

 

 

 

 

एक बच्चा

 

लोगों को सुअर मारते देख

रुक जाता है

फिर चल देता है

 

 

 

 

मेरे चाचा

 

जो निजी जीवन जीते थे

अब सोशल मीडिया पर

तस्वीरें साझा करते हैं

 

 

 

 

देश से दूर एक लम्बा समय

 

बगीचे में नीबू के पत्ते चुनते हुए

मुझसे एक अधपका फल टूट गया

और तब से मैं उदास था

 

 

 

 

मछली

 

लूफा* झपटने के लिए उछलना मछली का

मैं मछली पकड़ने के लिए

चारा बदलने का निश्चय करता हूँ

 

* फली

 

 

 

 

सूरज

 

बदली के पीछे छिपता सूरज

अब नही बच सकता

सरोवर में शैवाल समूहबद्ध हो गयी है

 

 

 

 

तितर-बितर मेंड

 

पगडंडियों पर उमड़ती चांदनी

जहां मर्जी आये

वहाँ विहार कर सकती है

 

 

 

 

घास की एक ढ़ेरी

 

कटाई के ठीक बाद कुम्हला गयी है

वो बातें जिन्हें हम घटते नही देखते

बहुत जल्दी गुजर जातीं हैं

 

 

 

 

बीच गर्मी में

 

एक मेंढक

शीतल धरती के नीचे

लम्बे समय तक बैठा रहा

 

 

 

 

भोर की हवा

 

पत्तियों के बीच होकर बहती है

मेरा शरीर गर्म

फिर शीतलता महसूस करने लगता है

 

 

 

 

मेघ विद्युत

 

रात में

नजर आया मुझे

कीचड़ में लथपथ घोड़े का खुर

 

 

 

 

बारिश

 

मैं अपनी कॉफ़ी हिलाता हूँ

गहरी भूरी बूंदे

धीमे-धीमे घुलने लगतीं हैं

 

 

 

 

आंधी

 

मैं दरवाजों को कसकर बंद कर देता हूँ

एक किताब दूसरी किताब के ऊपर रखता हुआ

अपनी अलमारी को फिर से सजाता हूँ

 

 

 

 

बारिश नजदीक ही है

 

धुंध

पंछियों का पीछा करती हुई

यहाँ भी उड़ती डोलती है

 

 

 

 

हर बार हवा जब वेग से चक्कर लगाती है

 

तो साफ़

और शांत शामियाना

खुदबखुद काँप जाता है

 

 

 

 

बिजली कड़कने के दौरान

 

अहाते में

जलाऊ लकड़ी के ढ़ेर के पास

मैं कुल्हाड़ी देखता हूँ जिसे मैं रखना भूल गया था

 

 

 

 

आकाशीय बिजली

 

ओस की बूंद

छुए बगैर

इंसान के हृदय को बेध गयी है

 

 

 

 

बारिश की पहली बूँदें

 

जंजीरों से दूर

काँपता है

एक सफेद गुलाब

 

 

 

 

बारिश हो रही है

 

घंटी गीली नही हुई

वो बजना चाहती है

और सिर्फ बजना चाहती है

 

 

 

 

छल्लेदार बारिश का दस्ता

 

गिर पड़े हैं पेड़

पक्षी दूर से पुकारते हैं

मैं अपनी खिड़की खोल देता हूँ

 

 

 

 

भारी बारिश

 

झील हो या

जंगली आग

शीतलता को समान रूप से फैलाती है

 

 

 

 

बारिश के दौरान

 

मेरे बागीचे में

आर्किड की एक टहनी

झाड़ी में अपना हाथ फंसाती है

 

 

 

 

बारिश का उत्सव

 

पानी

घास की जड़ों में भर गया है

फिर तेजी से पीछे भी हटता है

 

 

 

 

भैंस की पड़िया

 

पहली बार बारिश देखकर

अपना चेहरा ऊपर करती है

और बूंदों को चबाने लगती है

 

 

 

 

कसकर बंद दरवाजे

 

मुझे फिर भी

एक नाले से पानी गिरने की आवाज

साफ़-साफ़ सुनाई देती है

 

 

 

 

बांस की बुहारी की आवाज

 

मुझे लगा

सड़क के करीब

यह कौवे की चपल पुकार है

 

 

 

 

बारिश के बाद पेड़

 

एक पपी की तरह

नहाने के बाद

पानी छिटकाकर गिराने के लिए खड़ा है

 

 

 

 

बारिश

 

बहुत धीमे-धीमे हो रही है

चांदनी के सैलाब के बारे में

पेड़ के स्याह तने पर पड़ती रोशनी के बारे में लिखना सुखद है

 

 

 

 

समारोह

 

बारिश ने

जलाऊ लकड़ी का ढेर धो दिया है

सूरज भी बदलियों की ओट से निकलने को है

 

 

 

 

संकोच

 

बारिश हो रही है

फिर से बारिश हो रही है

हमें कुछ और भी खाना चाहिए

 

 

 

 

येन तू पर्वत की तराई में पहुंचना

 

हर तरफ मंडराते कोहरे में

देवलोक का रास्ता पूछने के लिए

मुझे किसी की तलाश है

 

 

 

 

बरसात वाले दिन बुद्ध की वंदना करते हुए

 

मेरे सामने मौजूद आदमी की कमीज पर

सूखी मिट्टी का निशान

कितना साफ़ नजर आता है

 

 

 

 

सडक किनारे रुकना

 

हर तरफ फूल खिल रहे हैं

मैं एक बढ़िया क्रीमी

अंडा खाता हूँ

 

 

 

 

धूपबत्ती जलाने के बाद

 

मैं बैठा हूँ

मौन

बुद्ध की मूर्ति के नीचे

 

 

 

 

पगोड़ा* में रुककर

धूपबत्ती जलाना

हमेशा की तरह

निश्चिंत बैठे हैं बुद्ध

 

* मंदिर, जो आमतौर पर वियतनाम,चीन, जापान, कोरिया, नेपाल, म्यांमार और एशिया में होते हैं जिसमें कई घुमावदार छज्जे और एक पिरामिड टॉवर होता है जिसका उपयोग बौद्ध धर्मग्रन्थों और बुद्ध की मूर्तियों के लिए किया जाता है|

 

 

 

 

फंदे में फंसा पशु

 

पगोड़ा* के पिछले दरवाजे पर

लाया गया

अब यह बच जाएगा

 

 

 

 

दुर्गन्धयुक्त तालाब

 

कमल की सुगंध से अभिभूत है

मैं

फूलों की ओर मौन हो निहारता हूँ

 

 

 

 

झेन स्वभाव

 

एक कमल

जब चारो ओर कोई नही होता है

तब भी खिलता है

 

 

 

 

पगोड़ा के रास्ते पर

 

ओस की पारदर्शी बूंद

किसी के सिर पर झूल रही थी

किसी ने गौर ही नही किया

 

 

 

 

कमल का स्वभाव

 

धरती पर कितना दुःख है

पर झील में कमल

फिर भी खिलते हैं

 

 

 

 

कमल की पत्तियों का झरना

 

हवा चल रही है

पानी के ऊपर चक्कर लगा रही है

बिना किसी अफ़सोस के

 

 

 

 

धुंध में

 

काठ की घंटी की आवाज

नदी के बहाव को

तेज कर रही है

 

 

 

 

मंत्रोच्चार करने के बाद

 

मैं अपने पास मौजूद

व्यक्ति को देखता हूँ

जो बुद्ध जैसा ही लगता है

 

 

 

 

उन्नत सूरज

 

पगोड़ा* का दरवाजा खुला नही है

एक सफाईकर्मी साथी अहाते को बुहारना बंद कर देता है

और धनुषाकार द्वार से झांकता है

 

 

 

 

 

पगोड़ा के द्वार पर अपनी बाइक की रखबाली करने पर

 

एक बोंजा* यह कहते हुए बाहर आता है

फ़िक्र मत करो

सिर्फ अंदर जाओ और बुद्ध की आराधना करो

 

* एक बौद्ध भिक्षु

 

 

 

 

निर्मल छोटी सी नदी में

 

सफ़ेद कंकडों के बीच

त्याज्य पत्तियाँ

बह रहीं हैं

 

 

 

 

लम्बी डगर

 

अपने जूतों को

नीचे ढंग से रखने के बाद मैं दूसरी जगह ढूँढ़ता हूँ

जहां मेरे पाँव आराम कर सकें

 

 

 

 

झरने की आवाज़

 

अगर ये थोड़ी देर और

खिलखिलाकर हँसा

तो ये मुझे अपने वश में कर लेगा

 

 

 

 

कॉन सोन पर्वत के शिखर पर

 

दुपहर की मद्धम हवा में

पेड़ों की टहनियों को टहोका देते हुए

उड़ते फिरते हैं सफ़ेद बादल

 

 

 

 

एक टीले पर चढ़ते हुए

 

मुझे चींटियों की एक फ़ौज

कतार बांधकर

घाटी की ओर जाती नजर आती है

 

 

 

 

एक दूरस्थ जगह

 

एक शिला के किनारे पर

एक पेड़

कैसा विरला नजर आता है

 

 

 

 

एक विशाल घंटे के भीतर

(कवि फाम लॉन्ग क्वान के लिए)

 

मानो एक मधुमक्खी

शीर्ष से तली तक

उड़ती-डोलती है

 

 

 

 

छोटे से पगोड़े का एक सफाईकर्मी

 

पौधों के लिए पानी लाने पहाड़ के नीचे जाता है

और जैसे ही वह वापस आता है

बारिश होने लगती है

 

 

 

 

पहाड़ पर पगोड़ा

 

बच्चे

नीचे लटकती घंटी तले

चुपके से एक दूसरे को चपतियाते हैं

 

 

 

 

पगोड़ा के पास नदी

 

घंटियां वहाँ

और ज्यादा

मुखरित हो उठतीं हैं

 

 

 

 

जैसे ही

 

घंटी की आवाज गपशप करने लगती हैं

मैं एक भुरभुरी और जायकेदार

शकरकंदी खाने लगता हूँ

 

 

 

 

घंटी

 

पानी के किनारे विस्टेरिया*की बेल में

हलचल मचा देतीं हैं

वह बेल जो वसंत भर चुप्पा रही

 

* ख़ास उत्तरी अमेरिका और पूर्वी एशिया में उगने वाली पीली, नीली-बकाइन फूलों वाली एक झाड़ी

 

 

 

 

बादल

 

अपने आप को घंटाघर के चारो ओर लपेट देता है

घंटे की आवाज बिखरने लगती है

और बिखरने लगती है

 

 

 

 

एक युगल

 

घंटी के पास

बिना आवाज किये चूम रहा है एक दूजे को

हवा थरथरा रही है पहले से ही

 

 

 

 

कमल के पत्तों के बीच बैठा

 

एक मेंढक

अपनी जीभ निकालता है

कि छू सकूँ चाँद को

 

 

 

 

पानी की एक लहर

 

कमल के पत्ते पर

एक चक्कर लगाने के बाद

आखिरकार थककर सो ही गयी

 

 

 

 

अलौकिक स्थल में

 

अर्पित की गयीं है भेंट

एक मक्खी

नीचे उतरने की हिम्मत नही जुटा पाती

 

 

 

 

कोहरे में पहाड़

 

मानो बह रहा है

हवाएं भी

भारहीन हो उठीं हैं

 

 

 

 

पर्वतारोहण

 

मैं एक बर्फीली बीयर लाया हूँ

जैसे ही मैं पहाड़ की चोटी पर पहुंचूगा

दोनों ही पसीने में तर हो उठेगे

 

 

 

 

पत्थर

 

पहाड़ की दरार से

नरम कोंपल फूट रहीं हैं

हाँ, पत्थर भी नरमदिल होते हैं

 

 

 

 

जो वो पर्वत स्थिर है

 

यह सब कुछ सुनता है

पर फिर भी लगता है

यह कुछ नही समझता

 

 

 

 

निर्मल नदी

 

एक युवा महिला के पाँव तले

कंकड़

बेदाग़ सफेद होते हैं

 

 

 

 

नदी तीरे सपना

 

मुझे गली हुई लकड़ी की एक छड़ी

वापस मिल जाती है

फिर बिल्कुल वैसी ही ताजा लकड़ी की छड़ी भी

 

 

 

 

अतीत के नुक्कड़ को फिर से देखते हुए

 

क्या नवान्तुक जान पायेंगे

कि मैं उनसे

रुखसत हो रहा हूँ

 

 

 

 

समन्दर की तली

 

पानी से भरी हुई है

लहरें वर्षा की बूंदे लपकने के लिए

छलांग लगा देतीं हैं

 

 

 

 

मछुआरों का घाट

 

हर कश्ती एक लड़ी बनाते हुए

एक-दूसरे से जुडी रहती है

सभी हिचकोले खा रही हैं

 

 

 

 

लहर का इंतजार करते हुए

 

एक लडकी कुदकती है

शायद यह सोचकर

कि लहर अभी दूर है

 

 

 

 

चिकनी रेत पट्टी पर

एक महिला

मौन हो देखती है

बहुत दूर

 

 

 

 

सुदूर समन्दर का किनारा

 

लहरें पांवों के निशान मिटा देती हैं

और एक कुर्सी को

पेड़ के तने तक उछाल देती है

 

 

 

 

समुद्र तट

 

लहरें

बार-बार वहीँ लोट लगातीं हैं

जहां बच्चे खेल रहे हैं

 

 

 

 

खामोश समन्दर

 

एक जहाज

हिचकोले लेता हुआ खुले समन्दर की ओर बढ़ता है

जैसे कि हिलोरें लेतीं हैं लहरें

 

 

 

 

रात में समन्दर

 

घुप्प अँधेरे में

कोई पानी पर भी

चल सकता है

 

 

 

 

रीता समन्दर

 

सूखी मछलियाँ कतार में लटकीं हैं

मुझे नही लगता कि

समन्दर में अब कोई मछली बची भी होगी

 

 

 

 

समन्दर किनारे घर

 

एक प्याले पानी की तरह है

जो एक मेज पर

कुछ पलों के लिए ही रखा गया हो

 

 

 

 

समुद्र में गोताखोरी करके

 

घर वापस आने पर

पानी उबालकर मैं तुरंत अपने प्याले में उलटता हूँ

और उसे तोड़ लेता हूँ

 

 

 

 

समुद्र तट का चौकीदार

आतंकित है

उसे उठती

लहरों का डर है

 

 

 

 

प्रचंड हवा

 

फूलों को

पूरी ताकत से

हिलाती और झकझोरती है

 

 

 

 

समंदर किनारे

 

मैं पानी का एक बर्तन गर्म करता हूँ

मुझे ताज्जुब है

कि उबलने में इसे इतना समय क्यों लगा

 

 

 

 

घिरती रात में

 

लहरें

रोशनी को

मेरे पांवों तले धकेलतीं हैं

 

 

 

 

समुद्री जीवन की बानगी के सामने

 

 

 

 

मैं अवाक खड़ा रह गया

मानो उन्हें देखते-देखते

सूखकर कठोर हो गया था

 

 

 

 

तट पर

 

हर लहर के बाद

पेड़ों की कतार से एक बार फिर

नन्ही कोंपल फूट उठती हैं

 

 

 

 

समन्दर पर बारिश

 

होती रही

पानी की सतह

लगातार उलटती पुलटती रही

 

 

 

 

अचानक जागने पर

 

लहरों की आवाज सुनकर

मुझे लगा कि सपने में

कोई नींद में बातें कर रहा है

 

 

 

 

समन्दर को घूरता बच्चा

 

शायद उसकी मां गहरी नींद में सोयी है

और अपने बच्चे के साथ

समन्दर का सपना देख रही है

 

 

 

 

समन्दर किनारे चाय पीते हुए

 

बर्फ का एक और टुकड़ा

समन्दर अब तक जोश में है

और मछलियों से भरपूर भी

 

 

 

 

आत्माएं

 

बांस पर टंगी सूखी मछलियाँ

और ऊपर से चलती तेज हवा भी

बादलों को तितर-बितर नही कर सकती

 

 

 

 

सड़क के छोर पर

 

मैं एक टीले पर कंकड़ मारता हूँ

नजदीक उड़ती चिड़िया

मेरा खालीपन भरती है

 

 

 

 

जीवन रक्षकदल

 

बच्चों के झुण्ड की तरह

एक दूसरे का हाथ थामे

वे पानी से निकलते हैं

 

 

 

 

शांत सागर

 

दूर देखता

भारी-भारी साँसे भरता है

मुझे लगता है उसके किनारे पुनर्जीवित होतीं हैं लहरें

 

 

 

समन्दर किनारे पेड़

 

हवाओं के द्वारा हिला दिए गये

पर पत्तियाँ झरती नही

समन्दर कितना विशाल है

 

 

 

 

मैं अपना दरवाजा खोलता हूँ

 

और देखता हूँ

कि लहरें अब

पहले की तरह नही टकरातीं

 

 

 

 

हा लॉन्ग खाड़ी के बीच

 

यह देखकर

कि आसमान और समन्दर का एक ही रंग है

मैं जेब में रखे फल एक-एक कर खा जाता हूँ

 

 

 

 

रात में कब्रिस्तान से गुजरना

 

शांत समुद्र की तरह

लहरें शांति से सोती हैं

कब्रों के बीच

 

 

 

 

सूर्योदय का इन्तजार करते हुए

 

एक तरुणी

अपने पांव फैलाती है

सफ़ेद रेत पर

 

 

 

 

समन्दर की हवा

 

मैने अपना दरवाजा खुला रखा

फर्नीचर से टकराती ठंडी बयार छू सकने के लिए

और फिर बंद कर दिया

 

 

 

 

उगता हुआ सूरज

 

समन्दर किनारे सो गया है

मुझे बच्चों के कदमों की आहट

उसके करीब सुनाई देती है

 

 

 

 

चिलचिलाती गर्मी

 

एक महिला नल खोलती है

उसने अपने हाथ अभी गीले भी नही किये

पहले से ही तर है उसकी कमीज

 

 

 

 

सूरज को अलविदा कहने का समय

सूरज विदा लेने वाला है

एक फूल

झुककर उसे विदा करता है

 

 

 

 

भीड़-भाड वाला समद्र तट

 

मैं गोता लगाता हूँ

और इत्मीनान से तैरते

सफेद एंकोवीज़* के झुण्ड से मिलता हूँ

 

* मछली

 

 

 

 

झरने के नीचे खड़े

 

मेरी सारी चिंताएं दूर हो रही हैं

मैं खुद को देखता हूँ

और अपनी श्वेत पिंडलियों को

 

 

 

 

एक सिल्वर ईअर्ड मेसिया*

 

पानी की सतह पर मंडराती है

देखो, कहाँ तक ले जाता है

समन्दर उसकी छाया

 

* रुपहले कानों, भूरे पंखों, काले मुकुट और नीचे के हिस्से में पीले रंग की बहुत सुंदर गीत गाने वाली चिड़िया

 

 

 

 

ज्वार-भाटे की लहरें

 

किनारे पर गाद छोड़ जातीं हैं

चांदनी

कितनी कांतिमय और निर्मल है

 

 

 

 

अंतिम संस्कार के समय बजने वाली क्लारिनेट* की आवाज सुनकर

 

मैं लहरों के बीच गुम हो जाता हूँ

मुझे लगता है

कि सिर्फ समंदर के नजदीक ही जीवन है

* तुरही के मुकाबले एक सरल उपकरण।

 

 

 

 

बारिश के बाद

 

पहाड़ की दरार से झांकता

एक तरुण पेड़

समन्दर की ओर पहुंचना चाहता है

 

 

 

 

मछली पकड़ने के लिये रोशनी करना

 

फींकी-फींकी सी रोशनी

समन्दर में छेद करते हुए

एक गहरा गड्ढा बनाती है

 

 

 

 

ज्वार भाटे की लहरें

 

हवा का तेज झोंका

आकाश पानी की सतह के

कितना करीब आ गया लगता है

 

 

 

 

रेत पर अपना कपोल लगाते हुए

 

समन्दर का ये किनारा

कल

हम बिछड़ जायेंगे

 

 

 

 

पानी की किनोर पर सूर्योदय

 

मैं गहरी साँसें भरता हूँ

और ख़ुशी के अतिरेक में

रेत पर भागता हूँ

 

 

 

 

समन्दर के किनारे

 

हवा

पंछियों की आवाज को भेदती हुई

चूर-चूर कर रही है

 

 

 

 

मूक खेल

 

मैं अपनी ऊँगली बेटे के मुंह में दे देता हूँ

वो उसे कसकर दबा लेता है

यह दर्दनाक है

 

 

 

 

हर बार जहां एक लहर है

 

एक टील* उड़ती है

और फिर

वापस उसी जगह बैठ जाती है

 

* मीठे पानी की एक बत्तख, आमतौर पर जिसके पंख पर एक हरे रंग की पट्टी होती है

 

 

 

 

अशिष्ट समन्दर

 

मैकेरल*

सीख रही है

कि लहरों पर कैसे बेलाग कूदा जाए

 

* एक समुद्री मछली

 

 

 

 

सपना

 

अकेले समन्दर पार करने का सपना देखते हुए

मेरी आँख खुल जाती है

मेरा तकिया पसीने से तर मिलता है

 

 

 

 

एक लहर और एक चट्टान

 

दो बच्चों की तरह

एक दूसरे से

कुश्ती करते हैं

 

 

 

 

समन्दर तट पर वाइन पीते हुए

 

जितनी बड़ी हैं लहरें

उतने ही छोटे प्याले से

मैं धीरे-धीरे पीना चाहता हूँ

 

 

 

 

अकेले सैर

 

अपने जूते की नोक से

मैं रेत को उछलता हूँ

आगे

 

 

 

 

 

ENGLISH VERSION

 

 

BẢN TIẾNG VIỆT

 

 

 

 

 

नीता पोरवाल (Neetta Porwal)

 

नीता पोरवाल (15 जुलाई 1970) का जन्म उत्तर प्रेदश के अलीगढ़ शहर में हुआ| आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातकऔर फिर बी. एड. की उपाधि लेने के बाद आप अध्यापन करने लगीं| आप एक कवि और कथाकार होने के साथ अनुवादक भी हैं|बांगला बाउल गीतों और रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं के साथ-साथ देश-विदेश के अनेक कवियों और कथाकारों की रचनाओं कोआप हिंदी में रूपांतरित कर चुकीं हैं| बतौर अनुवादक विगत कई वर्षों तक कृत्या पत्रिका के साथ जुड़ीं रहीं| 2018 में चीनीकविताओं कासौ बरस सौ कविताएँ (चीन की कविताओं में आधुनिकवाद)’ नामक चीनी कविता संग्रह आया जिसके लिए उनकीटीम को चीनी साहित्य के अनुवाद के लिए DJS Translation Award  प्राप्त हुआ है|

 

 

 

 

Neetta Porwal

 

Neetta Porwal was born in 1970 in Aligarh city located in the state of Uttar Pradesh, India. She studied economics at Agra University, India, earning a masters degree and another Bachelor's degree in education (B.Ed.). Later, she entered the profession of teaching. In addition to being a successful literary translator, she is also a poet and an author. Some of her noteworthy work includes the Hindi translation of the Lebanese-American writer Khalil Gibran's famous book 'The Prophet' and French writer and poet Antoine de Saint-Exupéry's 'The Little Prince'. Furthermore, she has translated the work of several other acclaimed poets and authors including Rabindranath Tagore, Turkish poet Nazim Hikmat and Greek poet Sappho. For the past few years, she has been associated with the international journal of poetry, Kritya of Respected Rati Saxena and contributing as a Hindi translator. In 2018 she co-translated a collection of Chinese poems – for which her team received DJS Translation Award. Her honors also include the Saraswat Samman for her literary services.

 

 

 

 

मेई वॉन फान (Mai Văn Phấn)

 

वियतनाम के विशिष्ट कवि मेई वॉन फान का जन्म 1955 में उत्तर वियतनाम के रेड रिवर डेल्टा, निन्ह बिन्ह में हुआ। वर्तमान में आपहेई फांग शहर में रहते हुए काव्य सृजन कर रहे हैं। आपने कई वियतनामी और अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार अर्जित किये हैं,जिसमें 2010 में वियतनाम राइटर्स एसोसिएशन अवार्ड और 2017 में स्वीडन का साइकडा साहित्यिक पुरस्कार शामिल हैं। मेई वानफान अपनी मातृ भाषा में लिखते हैं। आपकी 16 काव्य पुस्तकें और 1 पुस्तक "क्रिटिक्स निबंध" पर प्रकाशित हो चुकीं हैं। आपकीकविताओं का 25 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है वे भाषाएँ हैं : अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, स्पेनिश, जर्मन, स्वीडिश, डच, अल्बानियाई,सर्बियाई, मैसेडोनियन, मोंटेनेग्रिन, स्लोवाक, रुमानियाई, तुर्की, उज़्बेक, कज़ाख, अरबी, चीनी, जापानी , कोरियाई, इंडोनेशियाई,थाई, नेपाली, हिंदी और बंगाली (भारत)

 

 

 

 

 




Neetta Porwal, poet & translator

 




 

 

 

 

BÀI KHÁC
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